माँ... बाप...
दुनिया में... हज़ारों रिश्ते बनते हैं... हर रोज़...
लेकिन... माँ-बाप जैसा... कोई भी नहीं होता...
पिता की तरह... कोई भी... छाँव नहीं देता...
और माँ की तरह... कोई भी... बिना शर्त... प्यार नहीं करता...