पत्थर का मूल्य
एक दिन एक छोटा बच्चा अपने पिता के पास गया और बोला, "पापा, मेरी जिंदगी का क्या महत्व है?"
पिता मुस्कुराए और एक पत्थर उठाकर बच्चे को दिया। उन्होंने कहा,
"इस पत्थर को लेकर बाजार जाओ। इसे किसी को बेचना मत, बस पूछना कि लोग इसके लिए कितना देंगे।"बच्चा बाजार गया। वहां उसने पत्थर दिखाया। एक फल बेचने वाले ने कहा, "यह पत्थर बड़ा सुंदर है। मैं इसे ₹10 में खरीदूंगा।"
बच्चा चुपचाप वापस आ गया और पिता को ₹10 का प्रस्ताव बताया। पिता ने कहा, "अब इसे संग्रहालय ले जाओ और वही सवाल पूछो।"
संग्रहालय में एक आदमी ने पत्थर को देखा और कहा, "यह तो एक खास पत्थर लगता है। मैं इसे ₹10,000 में खरीदने को तैयार हूं।"
बच्चा हैरान था, लेकिन वह वापस आकर पिता को सब बता दिया। पिता ने मुस्कुराते हुए कहा, "अब इसे एक जौहरी के पास ले जाओ।"
जौहरी ने पत्थर को ध्यान से देखा और कहा, "यह तो बेशकीमती हीरा है। मैं इसे ₹10 लाख में खरीदूंगा।"
बच्चा दंग रह गया। वह दौड़ते हुए अपने पिता के पास आया और सबकुछ बताया।
पिता ने बच्चे से कहा, "देखो बेटे, तुम्हारी जिंदगी भी इस पत्थर की तरह है। लोग तुम्हारा मूल्य इस बात पर लगाते हैं कि तुम खुद को कहाँ और कैसे प्रस्तुत करते हो। अगर तुम खुद को सही जगह और सही लोगों के बीच रखोगे, तो तुम्हारी कीमत कोई नहीं आंक सकता।"
सीख:
आपकी काबिलियत और मूल्य को पहचानने के लिए सही जगह और सही लोग जरूरी हैं। खुद को कभी कम मत समझो।