एक बार की बात है, जंगल में एक कोयल थी जो हमेशा अपनी मधुर आवाज़ से गाना गाती थी। वह अपने गाने से सभी को प्रसन्न करती थी। एक दिन, एक कौवा उसे सुनते हुए आया और कहा, "तुम्हारी आवाज़ बहुत मीठी है, मैं भी गाना सीखना चाहता हूँ।"
कोयल ने कौवे को गाने की शिक्षा दी, लेकिन कौवा की आवाज़ में वहीं मधुरता नहीं थी। इस पर कोयल ने कहा, "हर किसी का अपना ख़ास अंदाज़ होता है। तुम्हारी आवाज़ में अनूठा ज़ायका है।"
कौवा ने कोयल के शब्दों को समझा और अपनी आवाज़ में नए अंदाज़ से गाना शुरू किया। वह अपनी अद्भुतता में विश्वास करना सीख गया और अपने खासियत को स्वीकार किया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी अद्भुतता को स्वीकार करना चाहिए और खुद पर विश्वास करना चाहिए।