एक बार की बात है, एक शरारती बिल्ली और एक मेहनती चूहा जंगल में रहते थे। बिल्ली हमेशा मस्ती करती रहती थी, जबकि चूहा मेहनती और संयमी था।
एक दिन, बिल्ली ने चूहे से कहा, "अरे चूहा, आओ चलो साथ में खेलें।" लेकिन चूहा ने जवाब दिया, "नहीं बिल्ली, मुझे अभी कुछ काम करना है।"
बिल्ली ने चूहे की मेहनत को उपेक्षा करते हुए कहा, "चलो ना, क्या फर्क पड़ता है? आनंद लेने का समय है।"
चूहा ने अपनी मेहनती और दिलिगिरी की बात सुनकर कहा, "नहीं बिल्ली, मेरे लिए काम करना महत्वपूर्ण है।"
बिल्ली ने इसे ध्यान में नहीं रखते हुए चूहे को छोड़ दिया और खुद मस्ती करने चली गई।
समय बीतता रहा और जंगल में अचानक एक भयानक शेर आ गया। बिल्ली को डर लगा और वह भागने लगी।
चूहा ने इसे देखा और तत्काल अपने छोटे चौपाया को त्यागकर बिल्ली को बचाया।
बिल्ली ने चूहे से माफ़ी मांगी और उसे अपनी मेहनत और संयम की प्रशंसा की। इसके बाद से, वे दोनों एक-दूसरे की मदद करने में विश्वास करते थे और साथ में जीवन के हर पहलू का सामना करते थे।