एक छोटे से गाँव में एक गरीब परिवार रहता था।
उनका बेटा, रामू, बहुत ही मेहनती और संघर्षी था। अपने सपनों को पूरा करने के लिए वह दिन-रात मेहनत करता था।
रामू का सपना था कि वह अपने परिवार की सभी चिंताओं का सामना कर सके और उन्हें सुखी जीवन दे सके। लेकिन उसके पास धन की कमी थी।
एक दिन, गाँव में एक विद्यालय में स्वयं सेवक बनने का अवसर मिला। रामू ने इस अवसर को अपने सपने की पहचान बनाने का मौका माना। वह विद्यालय में अध्ययन करते हुए स्वयं सेवक भी बन गया।
रामू की मेहनत और लगन ने उसे उसके सपनों की ऊंचाइयों तक पहुँचा दिया।
उसकी सफलता ने उसे और उसके परिवार को नई उम्मीदें और खुशियाँ दी।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और संघर्ष से कोई भी मुश्किल से निपट सकता है और अपने सपनों को पूरा कर सकता है।