Sritunjay World: आत्म-समर्थन और अदम्य

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आत्म-समर्थन और अदम्य

एक बार की बात है, एक छोटे गाँव में रहने वाला लड़का था। 
उसका सपना था कि वह अपने गाँव का नाम रोशन करे और उसे आगे बढ़ाए। 
लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी।

फिर भी, वह निरंतर मेहनत करता रहा और खेल के मैदान में अपनी कठिनाइयों से निपटता रहा।
उसका यह संघर्ष उसे मंजिल की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता रहा, और अंत में उसने अपने सपनों को पूरा किया।

 उसकी कहानी साबित करती है कि मनुष्य की आत्म-समर्थन और अदम्य संघर्षशीलता की शक्ति से कोई भी मुश्किलें पार की जा सकती हैं।



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