चिड़िया और उसकी उड़ान
एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक छोटी चिड़िया रहती थी। वह देखने में साधारण थी, पर उसके दिल में ऊँचाइयों को छूने का सपना था। परंतु एक समस्या थी। उसकी उड़ान बहुत कमजोर थी। वह थोड़ी ऊँचाई पर उड़ती, और फिर थककर नीचे गिर जाती।
एक दिन, उसने आसमान में उड़ते हुए बड़े पक्षियों को देखा और सोचा, "क्या मैं भी कभी इनके जैसा उड़ सकती हूँ?"
उसके साथी पक्षी उसका मजाक उड़ाते और कहते, "तुम इतनी कमजोर हो, तुमसे यह कभी नहीं होगा।"
चिड़िया उदास नहीं हुई। उसने ठान लिया कि वह हर दिन अभ्यास करेगी। उसने सुबह जल्दी उठकर छोटे-छोटे प्रयास शुरू किए। पहले वह छोटी-छोटी दूरी पर उड़ती, फिर थोड़ा और ऊँचा जाने की कोशिश करती। जब भी वह गिरती, तो सोचती, "गिरना सीखने का हिस्सा है। मैं हार नहीं मानूँगी।"
कुछ दिन बाद, उसने देखा कि उसकी उड़ान में सुधार हो रहा है। लेकिन तभी एक बड़ी चुनौती सामने आ गई। एक तेज़ आंधी आ गई, जिसने जंगल के सभी पक्षियों को डरा दिया। सभी पक्षी पेड़ों पर छिप गए। चिड़िया को भी डर लग रहा था, लेकिन उसने सोचा, "यह मेरे साहस की परीक्षा है। अगर मैंने आज हार मान ली, तो मेरा सपना अधूरा रह जाएगा।"
चिड़िया ने अपनी पूरी ताकत लगाई और आंधी में उड़ने की कोशिश की। पहले तो हवा ने उसे धकेल दिया, लेकिन वह बार-बार कोशिश करती रही। आखिरकार, उसने आंधी को पार कर लिया और खुद को आसमान में स्वतंत्र महसूस किया।
अब, वही चिड़िया जो कभी कमजोर थी, पूरे जंगल में अपनी मजबूत उड़ान के लिए जानी जाती थी। उसने अपने साथी पक्षियों से कहा, "सपने बड़े हो सकते हैं, लेकिन अगर हम मेहनत और धैर्य से काम करें, तो कोई भी मुश्किल हमें रोक नहीं सकती।"
संदेश:
कभी भी खुद को कमजोर मत समझो। मेहनत, धैर्य और साहस से आप किसी भी ऊँचाई तक पहुँच सकते हैं।