Sritunjay World: असंभव को भी संभव बना सकते हैं।

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असंभव को भी संभव बना सकते हैं।

 चूहा और एक छोटा बच्चा


एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक चूहा रहता था। वह बहुत चतुर और फुर्तीला था, लेकिन उसे लगता था कि वह बहुत छोटा और कमजोर है। इसी कारण वह हमेशा डरता रहता और सोचता कि उसके छोटे आकार की वजह से वह कुछ खास नहीं कर सकता।


उसी गाँव में एक छोटा बच्चा भी रहता था। वह बच्चा हमेशा खुश और ऊर्जावान रहता था। उसे नई-नई चीजें सीखने और खुद को बेहतर बनाने का बहुत शौक था।


एक दिन, वह बच्चा घर के बाहर खेल रहा था। तभी उसकी गेंद पास के कुएँ में गिर गई। वह परेशान होकर रोने लगा। चूहा पास में था और बच्चे की परेशानी देख रहा था। उसने सोचा, "यह काम तो बड़ा है, मैं कैसे मदद कर सकता हूँ?" लेकिन बच्चे की आँखों में आँसू देखकर उसका दिल पिघल गया।


चूहा हिम्मत जुटाकर बच्चे के पास गया और बोला, "मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ।" बच्चा आश्चर्य से बोला, "तुम इतने छोटे हो, तुम मेरी गेंद कैसे निकालोगे?"


चूहे ने कहा, "सिर्फ कोशिश करने से ही पता चलेगा।"

चूहा कुएँ के पास गया और रस्सी को अपने दाँतों से खींचने लगा। उसकी कोशिश देखकर, बच्चा भी हौसला पाकर मदद करने लगा। दोनों ने मिलकर रस्सी खींची और आखिरकार गेंद बाहर आ गई।



बच्चा बहुत खुश हुआ और चूहे से बोला, "तुमने यह करके दिखा दिया कि छोटा होना कोई कमजोरी नहीं है। अगर दिल मजबूत हो और हौसला बुलंद हो, तो बड़े से बड़ा काम किया जा सकता है।"


चूहा मुस्कुराया और बोला, "हां, मुझे भी आज समझ में आया कि अपनी काबिलियत पर भरोसा करना कितना जरूरी है।"


उस दिन के बाद, चूहा खुद पर विश्वास करने लगा और हर मुश्किल काम को साहस से करने की ठान ली।


शिक्षा:

हमारे आकार, उम्र या स्थिति से फर्क नहीं पड़ता। अगर हमारे पास हिम्मत और मेहनत करने का जज़्बा है, तो हम असंभव को भी

 संभव बना सकते हैं।





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