एक छोटे से गाँव में रहने वाला लड़का मनीष काम करता था। वह अपने काम में पूरी ईमानदारी से लगा रहता था, लेकिन उसके मन में अपने गाँव को और अधिक विकसित देखने की चाह थी।
एक दिन, गाँव में एक बड़ा मुकाबला होने वाला था जिसमें सबसे अच्छे कामकाजी को 'सर्वश्रेष्ठ कामकाजी' का खिताब मिलने वाला था। मनीष ने इस मुकाबले में भाग लेने का निर्णय किया।
उसने गाँव के सभी क्षेत्रों में नए आईडियाज को लागू किया और अपने काम में नई ऊर्जा और संवेदनशीलता दिखाई। उसकी नई दिशानिर्देशों ने गाँव को नई ऊर्जा दी और उसे सुंदरता से सजाया।
मुकाबले के दिन, मनीष को 'सर्वश्रेष्ठ कामकाजी' का खिताब मिला। इससे उसके मन में न केवल गर्व था, बल्कि यह भी प्रेरणा थी कि हर लक्ष्य को पूरा करने के लिए केवल अभियान और मेहनत की आवश्यकता होती है।