एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। उसके पास केवल एक बैल था जिसके साथ वह अपने खेतों में काम करता था। एक दिन, उसका बैल खेत में बड़ी गहराई से फंस गया। बूढ़े आदमी ने बहुत कोशिश की, लेकिन बैल को निकालने में उसे कोई सफलता नहीं मिली।
वह परेशान होकर गाँव के लोगों की मदद के लिए बाहर गया। एक युवक ने उसे देखा और पूछा, "क्या समस्या है?" बूढ़े आदमी ने सब कुछ बता दिया। तब युवक ने एक आलसी आदमी को भी बुलाया, जो बूढ़े आदमी के समस्या को देखकर वहाँ आया।
आलसी आदमी ने कहा, "इसे निकालना आसान है, सिर्फ आपको मेरे साथ कुछ पैसे देने होंगे।" बूढ़े आदमी ने तुरंत उसे पैसे दे दिए, लेकिन बैल निकालने की जगह अलसी आदमी ने उसे और गहरा खोद दिया।
फिर युवक ने एक और आदमी को बुलाया, जो अनुभवी और कुशल था। उसने बैल को समझकर उसे साहसिकता से निकाला।
इस कहानी से सीख यह है कि कभी-कभी हमें अपनी मदद को दूसरों के हाथ में नहीं देनी चाहिए, बल्कि हमें अपनी योग्यताओं और सामाजिक संबंधों का सहारा लेना चाहिए।